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हनुमान जी को दिव्य गदा कैसे मिली

हनुमान जी को दिव्य गदा कैसे मिली? एक अनसुना रहस्य!

आपने कभी गौर किया है कि पवन पुत्र हनुमान जी को हमेशा गदा धारण किए हुए दिखाया जाता है? हर मंदिर, हर चित्र और हर कथा में बजरंगबली के हाथ में यह विशेष अस्त्र दिखाई देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह गदा उन्हें कैसे प्राप्त हुई? यह ऐसा रहस्य है जिसे 99% लोग नहीं जानते! आइए आज इस अनसुने रहस्य को जानते हैं और समझते हैं कि हनुमान जी के पास यह अद्भुत शक्तिशाली गदा कहां से आई।

बचपन की घटना: गदा की प्राप्ति का कारण

हनुमान जी के जीवन में एक प्रमुख घटना घटी जब वे अभी बालक ही थे। उनकी जिज्ञासु प्रवृत्ति के कारण उन्होंने सूर्य को एक लाल-लाल फल समझकर उसे खाने का प्रयास किया। जब वे आकाश में उड़े तो संसार अंधकारमय होने लगा। पूरे विश्व को अंधकार से बचाने के लिए देवराज इंद्र ने अपने वज्र से हनुमान जी पर प्रहार किया। इस प्रहार से उनका जबड़ा (हनु) घायल हो गया और वे मूर्छित होकर धरती पर गिर पड़े।

यह देखकर उनके पिता वायु देव अत्यंत क्रोधित हुए। वायु देव ने अपना कार्य रोक दिया, जिससे संपूर्ण पृथ्वी पर वायु का संचार बंद हो गया। वायु के बिना समस्त प्राणी तड़पने लगे।

देवताओं द्वारा वरदान

सभी देवताओं ने मिलकर वायु देव से विनती की कि वे पुनः अपना कार्य आरंभ करें। वायु देव ने कहा कि पहले उनके पुत्र को ठीक किया जाए। तब नारद जी ने पवित्र जल की सहायता से बजरंगबली को होश में लाया।

अपने पुत्र को स्वस्थ देखकर वायु देव ने पुनः वायु संचार प्रारंभ किया। इस घटना के बाद सभी देवताओं ने प्रसन्न होकर हनुमान जी को विभिन्न शक्तियां और अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए।

गदा का रहस्य: कुबेर का अनमोल उपहार

आश्चर्यजनक रूप से, यह अद्भुत गदा स्वयं धन के देवता कुबेर ने हनुमान जी को प्रदान की थी। कुबेर ने सिर्फ गदा ही नहीं दी, बल्कि यह अद्भुत वरदान भी दिया कि हनुमान जी कभी भी किसी भी युद्ध में पराजित नहीं होंगे। यह गदा उनकी शक्ति का प्रतीक बन गई और हर कठिन परिस्थिति में उनका साथ देने वाली सिद्ध हुई।

गदा की विशेषताएँ

हनुमान जी की गदा साधारण नहीं थी। इसमें कई अद्भुत विशेषताएँ थीं:

  1. आकार परिवर्तन: जिस प्रकार हनुमान जी अपने शरीर का आकार छोटा-बड़ा कर सकते थे, उसी प्रकार उनकी गदा भी इच्छानुसार छोटी या बड़ी हो सकती थी।
  2. आवश्यकतानुसार प्रयोग: हालांकि हनुमान जी के पास गदा हमेशा रहती थी, वे इसे हर समय धारण नहीं करते थे। वे केवल जटिल परिस्थितियों में दुष्टों का नाश करने के लिए इसका उपयोग करते थे।
  3. अजेय शक्ति: गदा में ऐसी शक्ति थी कि इससे किया गया प्रहार कभी विफल नहीं होता था।

हनुमान जी के अन्य शस्त्र

गदा के अतिरिक्त, हनुमान जी के पास अन्य कई शक्तिशाली शस्त्र भी थे जो उनकी शक्ति को द्विगुणित कर देते थे। इनमें शामिल थे:

  • खड़क (तलवार)
  • त्रिशूल
  • अंकुश
  • स्तंभ
  • मुष्टि
  • खटवांग
  • पाश
  • पर्वत
  • वृक्ष

हालांकि, इन सभी शस्त्रों में गदा का विशेष स्थान था और यही कारण है कि अधिकांश चित्रों और मूर्तियों में हनुमान जी को बाएं हाथ में गदा धारण किए हुए दिखाया जाता है।

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देवताओं द्वारा प्रदत्त अन्य वरदान

गदा के अलावा, हनुमान जी को विभिन्न देवताओं से अनेक अद्भुत वरदान प्राप्त हुए थे:

  1. सूर्यदेव का वरदान: सूर्यदेव ने हनुमान जी को अपने तेज का सौवां हिस्सा प्रदान किया था। इसी कारण वे अत्यंत कुशल वक्ता थे और कोई भी विद्वान उनके सामने टिक नहीं पाता था।
  2. यमराज का वरदान: मृत्यु के देवता यमराज ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि वे कभी भी यम के शिकार नहीं होंगे। इसीलिए हनुमान जी को “अजर-अमर” कहा जाता है।
  3. शिव जी का वरदान: पौराणिक कथाओं के अनुसार, हनुमान जी को भगवान शिव का ग्यारहवां रुद्र अवतार माना जाता है। शिव जी ने उन्हें किसी भी अस्त्र से न मरने का वरदान दिया था।
  4. विश्वकर्मा का वरदान: देवशिल्पी विश्वकर्मा ने आशीर्वाद दिया कि उनके द्वारा निर्मित किसी भी शस्त्र का हनुमान जी पर कोई प्रभाव नहीं होगा।
  5. वरुण देव का वरदान: जल के देवता वरुणदेव ने आशीर्वाद दिया कि दस लाख वर्ष की आयु होने पर भी हनुमान जी की मृत्यु जल से नहीं होगी।
  6. ब्रह्मा जी का वरदान: सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी ने उन्हें दीर्घायु होने का वरदान दिया था।

हनुमान जी की अद्भुत शक्तियां

देवताओं के वरदानों से हनुमान जी अनेक अलौकिक शक्तियों के स्वामी बन गए:

  1. आकार परिवर्तन: वे अपने शरीर को सूक्ष्म से सूक्ष्म और विशाल से विशाल रूप दे सकते थे।
  2. भार नियंत्रण: अपने शरीर के भार को इच्छानुसार कम या अधिक कर सकते थे।
  3. अदृश्य होने की क्षमता: वे किसी के सामने अदृश्य हो सकते थे।
  4. मन की बात जानने की क्षमता: वे दूसरों के मन की बातें भांप सकते थे।
  5. अष्ट सिद्धियां: उनके पास अष्ट सिद्धियां थीं, जिनसे वे संसार में अपना प्रभुत्व स्थापित कर सकते थे और किसी को भी अपना दास बना सकते थे।

शक्तियों का भूलना और पुनः प्राप्ति

हनुमान जी के जीवन में एक ऐसा समय भी आया जब वे अपनी सभी शक्तियां भूल गए थे। यह उनकी बचपन की शरारतों के कारण हुआ था। बचपन में ही अनेक शक्तियां और वरदान प्राप्त होने के कारण वे अत्यंत नटखट और शरारती हो गए थे। वे ऋषियों को तंग करते और तपस्वियों को सताते थे।

एक बार, अंगिरा और भृंगु वंश के ऋषि तपस्या कर रहे थे। हनुमान जी की शरारत के कारण उनकी तपस्या भंग हो गई। क्रोधित होकर ऋषियों ने उन्हें शाप दिया कि वे अपनी सभी शक्तियां भूल जाएंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सही समय आने पर यदि कोई उन्हें उनकी शक्तियों के बारे में याद दिलाएगा, तो वे पुनः उन्हें प्राप्त कर लेंगे।

बाद में, जब भगवान राम की पत्नी सीता का अपहरण हुआ, तब ब्रह्मा जी के पुत्र जामवंत ने हनुमान जी को उनकी शक्तियों के बारे में याद दिलाया। तभी वे लंका जाकर माता सीता का पता लगा पाए थे।

हनुमान जी की गदा का आध्यात्मिक महत्व

हनुमान जी की गदा का आध्यात्मिक दृष्टि से भी विशेष महत्व है। यह मात्र एक हथियार नहीं, बल्कि कई गहरे प्रतीकों का वाहक है:

  1. शक्ति का प्रतीक: गदा शारीरिक और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है।
  2. अधर्म पर धर्म की विजय: गदा अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है।
  3. भक्ति और समर्पण: गदा भक्ति और समर्पण की शक्ति का प्रतीक है।
  4. सेवा का साधन: हनुमान जी ने अपनी गदा का उपयोग हमेशा अपने प्रभु की सेवा में किया, इसलिए यह सेवा भाव का प्रतीक भी है।

वर्तमान समय में हनुमान गदा का महत्व

आज के समय में भी हनुमान जी की गदा का विशेष महत्व है। अनेक भक्त संकट के समय हनुमान जी से गदा द्वारा रक्षा की प्रार्थना करते हैं। अनेक मंदिरों में हनुमान जी की गदा की विशेष पूजा की जाती है, और माना जाता है कि इससे भक्तों के संकट दूर होते हैं और उन्हें शक्ति मिलती है।

गदा आराधना के विधान

हनुमान जी की गदा की आराधना के कुछ विशेष विधान हैं:

  1. मंगलवार और शनिवार का महत्व: इन दिनों हनुमान जी और उनकी गदा की विशेष पूजा की जाती है।
  2. सिंदूर अर्पण: हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करते समय उनकी गदा पर भी सिंदूर चढ़ाना शुभ माना जाता है।
  3. तेल दीपक: हनुमान जी के समक्ष तेल का दीपक जलाकर उनकी गदा का ध्यान करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
  4. मंत्र जाप: “ॐ हनुमते नमः गदा धराय नमः” मंत्र का जाप करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।

उपसंहार

हनुमान जी की दिव्य गदा की कहानी हमें सिखाती है कि शक्ति का उपयोग हमेशा धर्म की रक्षा और दुष्टों के संहार के लिए होना चाहिए। यह गदा हनुमान जी के समर्पण, शक्ति और भक्ति का प्रतीक है। जैसे हनुमान जी ने अपनी गदा का उपयोग हमेशा प्रभु राम की सेवा में किया, वैसे ही हमें भी अपनी शक्तियों का उपयोग सत्य और धर्म के लिए करना चाहिए।

हनुमान जी की इस अद्भुत गदा की कहानी हमें इस बात का भी स्मरण कराती है कि सच्चा ज्ञान और शक्ति हमेशा विनम्रता के साथ होनी चाहिए। हनुमान जी के चरित्र से हमें यही सीख मिलती है – शक्तिशाली होने के साथ-साथ विनम्र और सेवाभावी भी होना चाहिए।

जय श्री राम! जय हनुमान!

हनुमान-गदा-प्राप्ति-की-पौराणिक-कथा

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. हनुमान जी को गदा किसने दी थी?

हनुमान जी को गदा धन के देवता कुबेर ने प्रदान की थी। यह वरदान उन्हें तब मिला जब बचपन में सूर्य को फल समझकर निगलने के प्रयास के बाद इंद्र के वज्र प्रहार से घायल होने पर देवताओं ने अनेक वरदान दिए थे।

2. क्या हनुमान जी की गदा का आकार बदल सकता था?

हां, हनुमान जी की गदा का आकार उनकी इच्छानुसार छोटा या बड़ा हो सकता था, ठीक वैसे ही जैसे वे स्वयं अपने शरीर का आकार बदल सकते थे।

3. हनुमान जी को किन-किन देवताओं से वरदान प्राप्त हुए थे?

हनुमान जी को कुबेर, सूर्यदेव, यमराज, शिव जी, विश्वकर्मा, वरुण देव और ब्रह्मा जी सहित अनेक देवताओं से विभिन्न वरदान प्राप्त हुए थे।

4. हनुमान जी अपनी शक्तियां क्यों भूल गए थे?

हनुमान जी बचपन में अत्यंत शक्तिशाली और शरारती थे। एक बार उनकी शरारत से ऋषियों की तपस्या भंग हो गई, जिसके कारण क्रोधित ऋषियों ने उन्हें शाप दिया कि वे अपनी शक्तियां भूल जाएंगे।

5. हनुमान जी को उनकी शक्तियां कैसे याद आईं?

जब भगवान राम की पत्नी सीता का अपहरण हुआ, तब ब्रह्मा जी के पुत्र जामवंत ने हनुमान जी को उनकी शक्तियों के बारे में याद दिलाया, जिससे वे पुनः अपनी शक्तियां प्राप्त कर सके।

6. क्या हनुमान जी हमेशा अपनी गदा धारण करते थे?

नहीं, हालांकि गदा हमेशा उनके पास रहती थी, लेकिन वे इसे हर समय धारण नहीं करते थे। वे जटिल परिस्थितियों में और दुष्टों का नाश करने के लिए ही इसका उपयोग करते थे।

7. हनुमान जी की गदा की आराधना का क्या महत्व है?

हनुमान जी की गदा की आराधना से शत्रुओं पर विजय, मानसिक शक्ति और संकटों से मुक्ति प्राप्त होती है। यह आध्यात्मिक शक्ति का भी प्रतीक है।

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8. हनुमान जी की गदा के अलावा और कौन-कौन से शस्त्र थे?

हनुमान जी के पास गदा के अलावा खड़क (तलवार), त्रिशूल, अंकुश, स्तंभ, मुष्टि, खटवांग, पाश, पर्वत और वृक्ष जैसे अनेक शस्त्र थे।

9. क्या हनुमान जी की गदा का कोई आध्यात्मिक महत्व है?

हां, हनुमान जी की गदा शक्ति, धर्म की रक्षा, भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। यह हमें सिखाती है कि शक्ति का उपयोग हमेशा सत्य और धर्म के लिए करना चाहिए।

10. हनुमान जी की मूर्तियों में उन्हें अक्सर किस हाथ में गदा धारण किए हुए दिखाया जाता है?

अधिकांश मूर्तियों और चित्रों में हनुमान जी को बाएं हाथ में गदा धारण किए हुए दिखाया जाता है।

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